Lok Adalat Kab Lagega / लोकअदालत कब लगेगा 2024
लोक अदालत कब लगेगा 2024 में किस-किस दिन लगेगा आईये जानते है। लगाया गता है किस दिन को लगाया गता है यह सभी नीचे आसान शब्दों में दिया है।
Lok Adalat Kab Lagega और क्यों लगाया जाता है लोक अदालत।
NALSA अन्य कानूनी सेवा संस्थानों के साथ मिलकर लोक अदालतों का आयोजन करता है।
लोक अदालत वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों में से एक है, यह एक ऐसा मंच है जहां अदालत में या पूर्व-मुकदमेबाजी चरण में लंबित विवादों/मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा/समझौता किया जाता है। लोक अदालतों को कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत वैधानिक दर्जा दिया गया है। उक्त अधिनियम के तहत, लोक अदालतों द्वारा दिया गया पुरस्कार (निर्णय) एक सिविल अदालत का डिक्री माना जाता है।
इस फैसले को सभी पक्षों को मानना पड़ेगा और इसके खिलाफ किसी भी कोर्ट में अपील नहीं की जा सकती। अगर किसी को लोक अदालत का फैसला पसंद नहीं आता, तो वे कोर्ट में जाकर मुकदमा शुरू कर सकते हैं, लेकिन अपील का कोई रास्ता नहीं है।
आसान शब्दों में और हिंदी में:
लोक अदालत में मामला दायर करने पर कोई कोर्ट फीस नहीं लगती। अगर कोई मामला पहले से कोर्ट में चल रहा है और उसे लोक अदालत में भेजा जाता है और वहां सुलझा लिया जाता है, तो कोर्ट में पहले दी गई फीस भी वापस कर दी जाती है। लोक अदालत में मामले की सुनवाई करने वाले लोग ‘
लोक अदालत के सदस्य’ होते हैं। उनका काम केवल पक्षों को समझाना और विवाद सुलझाने में मदद करना होता है; वे किसी को भी दबाव या धमकी नहीं दे सकते। लोक अदालत अपने आप से कोई फैसला नहीं करती; फैसले का आधार पक्षों के बीच समझौते पर होता है। सदस्य सभी पक्षों को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से मदद करते हैं ताकि विवाद सुलझ सके।
‘Lok Adalat’में भेजे जा सकने वाले मामलों की प्रकृति:
- कोर्ट में चल रहे मामले: किसी भी अदालत में जो मामला पहले से चल रहा है, उसे लोक अदालत में भेजा जा सकता है।
- पेंडिंग विवाद: कोई भी विवाद जो अभी तक अदालत में दायर नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य में अदालत में दायर हो सकता है, उसे भी लोक अदालत में भेजा जा सकता है।
नोट: लोक अदालत में ऐसे मामलों को नहीं सुलझाया जा सकता जो कानून के तहत सुलझाए नहीं जा सकते (जैसे कि कुछ गंभीर अपराध)।
धारा 18(1) के अनुसार, लोक अदालत के पास निम्नलिखित मामलों को सुलझाने का अधिकार होता है:
- कोर्ट में चल रहे मामले: जो भी मामला किसी अदालत में पहले से चल रहा है, उसे लोक अदालत में सुलझाया जा सकता है।
- कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामले: जो भी मामला लोक अदालत के अधिकार क्षेत्र में आता है और अभी तक अदालत में दायर नहीं हुआ है, उसे भी लोक अदालत में भेजा जा सकता है।
नोट: लोक अदालत के पास तलाक या उन मामलों के बारे में निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता जिनमें अपराधों को कानून के तहत सुलझाया नहीं जा सकता (जैसे गंभीर अपराध)।
राष्ट्रीय लोक अदालत:
राष्ट्रीय स्तर की लोक अदालतें नियमित अंतराल पर आयोजित की जाती हैं, जहां एक ही दिन में पूरे देश के सभी कोर्टों में लोक अदालतें लगती हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट से लेकर तालुक स्तर तक के मामले बड़ी संख्या में निपटाए जाते हैं। फरवरी 2015 से, राष्ट्रीय लोक अदालतें हर महीने एक विशेष विषय पर
आयोजित की जा रही हैं। लोक अदालत की पूरी जानकारी गवर्मेंट के ऑफिसियल वेब साइट पर है आप जाकर देख सकते है
सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष लोक अदालत:
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया अपनी स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक विशेष लोक अदालत का आयोजन कर रहा है, जो 29 जुलाई 2024 से 3 अगस्त 2024 तक चलेगी। इसका उद्देश्य उपयुक्त लंबित मामलों का सौहार्दपूर्ण समाधान करना है। लोक अदालतें हमारे न्यायिक प्रणाली का एक
महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो वैकल्पिक विवाद समाधान को बढ़ावा देती हैं और विवादों को जल्दी और सौहार्दपूर्वक सुलझाने में मदद करती हैं।
Lok Adalat ki Date 2024
S.No | Dates of National Lok Adalat for year 2023 |
1. | 09/03/2024 |
2. | 11/05/2024 |
3. | 13/07/2024 |
4. | 14/09/2024 |
5. | 14/12/2024 |
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